Saturday, July 5, 2025
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Mandi Cloud Burst : ड्रोन से की जा रही है लापता लोगों की तलाश, 17 लोगों की मौत; 54 अभी लापता

Mandi Cloud Burst :  मंडी जिले के सराज क्षेत्र में बादल फटने से भारी तबाही के बीच राहत एवं बचाव कार्य के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ के साथ अब सेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। बीते पांच दिन से देश-दुनिया से कटे सराज के कई क्षेत्रों से बचाव दलों ने लोगों को सुरक्षित जगह पहुंचाया। शुक्रवार को बचाव दल ने थुनाग के डेजी गांव से 65 लोग रेस्क्यू किए हैं। थुनाग के साथ जंजैहली में भी भारी नुकसान हुआ है। सड़कों के साथ कई घर ध्वस्त हो चुके हैं। ड्रोन से भी लापता लोगों की तलाश की जा रही है। इसी बीच, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंहक्खू  सुने घर खो चुके लोगों के लिए पांच हजार रुपये प्रति माह किराया देने का एलान किया है।

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इस बीच, शुक्रवार को स्यांज के पंगलियुर से लापता महिला का शव बरामद हो गया है। कांगड़ा के देहरा में मिले शव की पहचान के पंगलियुर निवासी पार्वती देवी के रूप में हुई है। सराज क्षेत्र में बीते सोमवार की रात को कई जगह बादल फटने से 17 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 54 लोग अभी भी लापता हैं। आपदा से सड़कें, बिजली-पानी और दूरसंचार व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। शुक्रवार को सेना की एक टुकड़ी ने थुनाग पहुंचकर राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिया है। थुनाग और जंजैहली तक सड़क कनेक्टिविटी के लिए युद्ध स्तर पर कार्य जारी है। खड्ड हो या फिर मलबे से अटे घर, दबे लोगों की तलाश में की जा रही है। शुक्रवार को सराज क्षेत्र में हेलिकॉप्टर से राशन की खेप पहुंचाई गई। इसमें राशन की 40 किट, 20 तिरपाल, पानी की 120 बोतलें, दो बॉक्स दवाएं और कपड़े थे।

हालांकि, इसके लिए लोगों को दिन दिन भर पैदल चलकर कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है, क्योंकि आपदा के पांच दिन बाद भी सड़क बहाल नहीं हो पाई है। बिजली भी ठप है। कुछेक सरकारी भवनों के लिए बिजली सुचारु की गई है। प्रशासन बगस्याड़ से थुनाग और करसोग से जंजैहली की तरफ सड़क बहाल करने में जुटा है। सड़क बहाल होने के बाद यहां राहत व बचाव कार्य में तेजी आएगी। प्राकृतिक आपदा ने सबसे अधिक थुनाग उपमंडल को नुकसान पहुंचाया है। यहां बाढ़ और भूस्खलन ने सैकड़ों लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। जंजैहली के बूंगरैलचौक में 13 मकान बाढ़ की भेंट चढ़ गए, जबकि छह पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए। थुनाग बाजार को कीचड़ और मलबे ने डेंजर जोन में तब्दील कर दिया है। स्थानीय लोग मलबे की अवैध डंपिंग को तबाही का प्रमुख कारण मान रहे हैं। उधर, गोहर उपमंडल स्यांज पंचायत के पंगलियूर गांव में स्कोली खड्ड में ड्रोन से भी बाढ़ में बहे लोगों की तलाश की जा रही है।

स्याठी गांव में 27 घर पूरी तरह तबाह

धर्मपुर में आपदा से स्याठी गांव के 27 घर पूरी तरह तबाह हो गए हैं, जबकि 11 को आंशिक नुकसान हुआ है। आपदा में गांव के 22 से अधिक परिवार प्रभावित हुए हैं। जोगिंद्रनगर उपमंडल की पिपली पंचायत में जमीन धंसने से बागला और पोहल गांव के करीब 20 रिहायशी मकानों के जमींदोज होने का खतरा पैदा हो गया है।

हिमाचल के छह जिलों में आज भी भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग ने शनिवार को हिमाचल के छह जिलों कांगड़ा, मंडी, चंबा, सिरमौर, शिमला और कुल्लू में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। रविवार को तीन जिलों कांगड़ा, सिरमौर और मंडी में भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी के साथ रेड अलर्ट जारी किया गया है। आठ जुलाई तक प्रदेश के अधिकांश क्षेत्रों में बारिश का दौर जारी रहेगा। शुक्रवार को राजधानी शिमला सहित अधिकांश जिलों में मौसम साफ रहा। ऊना, कांगड़ा, मंडी और नाहन में हल्की बारिश हुई।

शुक्रवार शाम तक हिमाचल में 280 सड़कें, 332 बिजली ट्रांसफार्मर और 784 पेयजल योजनाएं प्रभावित रहीं। प्रदेश में 5 से 8 जुलाई के दौरान निचले पहाड़ी, मैदानी इलाकों, मध्य पहाड़ी और ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में मध्यम बारिश और कुछ स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई गई है। छह जुलाई की दोपहर से 7 जुलाई की दोपहर तक भारी से बेहद भारी बारिश की आशंका है। सात जुलाई को ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर, चंबा, कांगड़ा, मंडी, सिरमौर, सोलन, शिमला व कुल्लू जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट रहेगा। आठ जुलाई को ऊना, बिलासपुर, मंडी, शिमला और सिरमौर, हमीरपुर, कांगड़ा, चंबा, सोलन और कुल्लू जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।

सीएम ने शाह को नुकसान की जानकारी, मदद का मिला आश्वासन

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश में बादल फटने और भारी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को दे दी है। गृहमंत्री ने हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। केंद्रीय टीम भी नुकसान का आकलन करने हिमाचल आ रही है। इस मानसून सीजन में ही अभी तक मंडी जिले में ही बादल फटने की 14 घटनाएं हो चुकी हैं। बादल फटने की इतनी घटनाएं क्यों हो रही हैं, इसका अध्ययन करने की आवश्यकता है। इस बारे में भी गृहमंत्री से भी चर्चा की है।

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