देहरादून,12 मार्च 2025 indianrevenue news : बुधवार को डोईवाला बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने यूसीसी कानून और पेपरलेस रजिस्ट्री के विरोध में न्यायिक और राजस्व कार्यों का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया.
बार एसोसिएशन के सचिव मनोहर सिंह सैनी ने बताया कि सरकार द्वारा पेपरलेस रजिस्ट्री लागू करने से अधिवक्ताओं की भूमिका खत्म हो जाएगी,
जिससे उनके रोजगार पर संकट आएगा.
उन्होंने यह भी कहा कि देहरादून जिले में लगभग छह हजार अधिवक्ता हैं,
जिनमें से अधिकांश राजस्व न्यायालयों और रजिस्ट्री कार्यों पर निर्भर हैं.
सरकार के इस कदम से उनकी आजीविका प्रभावित होगी.
अधिवक्ताओं की चिंताएं:
रोजगार का संकट: अधिवक्ताओं का मानना है कि पेपरलेस रजिस्ट्री से उनका काम छिन जाएगा और वे बेरोजगार हो जाएंगे.
गलतियों की आशंका: अधिवक्ताओं का कहना है कि रजिस्ट्री जैसे महत्वपूर्ण कार्य में गलतियों की संभावना रहती है.
सीएससी केंद्रों के कर्मचारियों को इस कार्य का पर्याप्त ज्ञान नहीं होगा.
जिससे गलतियां बढ़ेंगी और आम जनता को नुकसान होगा.
अपराध और धोखाधड़ी: अधिवक्ताओं का मानना है कि इस प्रक्रिया से आने वाले समय में अपराध और धोखाधड़ी बढ़ेगी.
आंदोलन की चेतावनी: अधिवक्ताओं ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि यह प्रक्रिया वापस नहीं ली गई, तो वे आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.
विरोध में शामिल अधिवक्ता: इस विरोध में अधिवक्ता मनीष धीमान, संदीप जोशी, अतुल कुमार, महेश लोधी, मेहताब आलम, मोइन अहमद, रमन कुमार, अरुण टम्टा, राजीव विवेक, राजेश जैकब, निधि व्योम गोयल और अन्य अधिवक्ता शामिल थे.