Tuesday, July 1, 2025
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उत्तराखंड पर्यटन को विश्वभर में सम्मान दिलाया रिनचेन ने: महाराज

नैनीताल। वेन कुंगा रिनचेन ने केवल भारत में ही नहीं, बल्कि यूरोप, नेपाल, ताइवान, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका जैसे अनेक देशों में जाकर बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने के साथ-साथ उत्तराखंड की संस्कृति, शांति और आध्यात्मिकता का भी वैश्विक स्तर पर परिचय करवाया।

उक्त बात प्रदेश के पर्यटन, लोक निर्माण, सिंचाई, पंचायतीराज, ग्रामीण निर्माण, जलागम, धर्मस्व एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने गुरुवार को जनपद नैनीताल के चोरसा स्थित साधना ध्यान उपवन (रुद्र समतेन गत्सल) के उद्घाटन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि अपने संबोधन में कहीं। उन्होंने कहा कि आज का यह आयोजन केवल एक भवन के लोकार्पण का नहीं, बल्कि यह एक आध्यात्मिक संकल्प, निःस्वार्थ सेवा, और समर्पण की भावना का उत्सव है।

कैबिनेट मंत्री महाराज ने कहा कि यह केंद्र, जो चोरसा गांव की शांत वादियों में स्थापित हुआ है, एक साधक की तपस्या और दूरदृष्टि का साकार रूप है। उन्होंने वेन. कुंगा रिनचेन (आनन्द लामा) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केंद्र न केवल एक दिव्य धरोहर है बल्कि यह उत्तराखंड की आध्यात्मिक चेतना को भी एक नई ऊँचाई प्रदान करता है। वेन. कुंगा रिनचेन जी केवल एक धर्मगुरु नहीं हैं वे एक जनसेवक, एक द्रष्टा, और एक सांस्कृतिक दूत हैं। उन्होंने वर्षों तक उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में जाकर जरूरतमंदों को कंबल, राशन, दवाइयाँ और जीवनोपयोगी सामग्री प्रदान की। उनके द्वारा स्थापित रत्न एवं ज्ञान चैरिटेबल ट्रस्ट इसके अनेक प्रमाण प्रस्तुत करता है।

कैबिनेट मंत्री महाराज ने बताया कि वेन. कुंगा रिनचेन ने वर्ष 2008 से, जब वे देहरादून स्थित सक्या सेंटर, राजपुर रोड के प्रधानाचार्य थे, तभी से पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी गहरी प्रतिबद्धता दिखाई है। उन्होंने स्वच्छता अभियानों, वृक्षारोपण कार्यक्रमों तथा पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) प्रक्रियाओं से संबंधित कार्यशालाओं का आयोजन प्रारंभ किया, जो आज भी नियमित रूप से जारी हैं। यह प्रयास उनकी पर्यावरण के प्रति जागरूकता, समाज सेवा और दूरदृष्टि का स्पष्ट प्रमाण हैं। वह न केवल भारत में अपितु यूरोप, नेपाल, ताइवान, सिंगापुर, मलेशिया, श्रीलंका जैसे अनेक देशों में जाकर बौद्ध धर्म का प्रचार-प्रसार करने के अलावा उत्तराखंड की संस्कृति, शांति और आध्यात्मिकता का भी वैश्विक स्तर पर परिचय करवाया। उन्होंने अपने निजी प्रयासों से उत्तराखंड पर्यटन को विश्वभर में सम्मान दिलाया है।

डुब्ड्रा समतेन गात्सल, साधना ध्यान उपवन केवल एक ध्यान केंद्र नहीं है बल्कि यह एक ऐसी ऊर्जा स्थली है, जो आने वाले समय में न केवल ध्यान और साधना का केंद्र बनेगी, बल्कि यह उत्तराखंड के धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को भी एक नई दिशा देगी। उन्होंने उत्तराखंड सरकार की ओर से आश्वस्त किया कि साधना ध्यान उपवन (रुद्र समतेन गत्सल) के ऐसे सभी सकारात्मक, आध्यात्मिक एवं समाजसेवी प्रयासों को हरसंभव सहयोग प्रदान किया जाएगा। हमारी सरकार का यह दृढ़ विश्वास है कि उत्तराखंड केवल देवभूमि नहीं, बल्कि यह एक ऐसी धरती है जहाँ ध्यान, साधना और ऊर्जा स्वयं उपस्थित हैं। और ऐसे केंद्र इस ऊर्जा को जागृत और संरक्षित करते हैं।

 

Reported By: indianrevenue

Rajan
Rajanhttp://indianrevenue.com
R K Solanki, (Owner & Editor-in-Chief, www.indianrevenue.com ) - An Ex- Indian Revenue Service (IRS) Officer, having a career spanning more then 35 years. Served in Ministry of Finance, Department of Revenue, CBEC (Now CBIC).
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