Tuesday, December 23, 2025
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Uttarakhand Madrasa : उत्तराखंड के मदरसों में ‘वंदे मातरम’ का स्वागत, बोले- शादाब शम्स

देहरादून: Uttarakhand Madrasa  उत्तराखंड में मदरसों में वंदे मातरम पढ़ाने के आदेश का उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि वह इसके उर्दू अनुवाद को लेकर प्रतियोगिता भी शुरू करेंगे. सबसे अच्छा अनुवाद करने वाले को पुरस्कार दिया जाएगा. इस मौके पर शादाब शम्स ने संगीतकार एआर रहमान के ‘मां तुझे सलाम’ गीत का जिक्र किया. इसके साथ ही शादाब ने बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा वंदे मातरम का उर्दू में किया अनुवाद भी सुनाया.

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मदरसों में वंदे मातरम का का स्वागत

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता शादाब शम्स का कहना है कि उत्तराखंड सरकार द्वारा मदरसा बोर्ड भंग कर दिया गया है. अब अगर शिक्षा विभाग द्वारा मदरसों में भी वंदे मातरम पढ़ाया जा रहा है, तो यह स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा कि अब मदरसों में उत्तराखंड का सिलेबस फर्स्ट हाफ में पढ़ाया जाएगा. यानी कि उत्तराखंड का आम सामान्य बच्चा जो पढ़ाई कर रहा होगा, वही शिक्षा मदरसे में भी दी जाएगी. यही नहीं उन्होंने कहा कि अब यदि मदरसों में राष्ट्रगीत ‘वंदे मातरम’ भारत माता के प्रति जज्बा पैदा करने के लिए पढ़ाया जाता है, तो इसमें किसी को भी किसी तरह की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए.

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष ने दिए ये उदाहरण

शादाब शम्स ने वंदे मातरम को लेकर कहा कि हम सब जानते हैं कि एआर रहमान ने कितनी खूबसूरती से वंदे मातरम को मां तुझे सलाम कहकर लिखा और उसको गया भी. उन्होंने कहा कि मां तुझे सलाम एआर रहमान की ऐसी रचना है जो हर एक देशवासी को राष्ट्र प्रेम से ओत प्रोत कर देती है. यही नहीं उन्होंने कहा कि बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद ने वंदे मातरम का उर्दू अनुवाद भी करके बताया है और इसे तस्लीमात के रूप में सामने रखा गया.

मादरे वतन की तारीफ करना गैर इस्लामी नहीं- शादाब शम्स

उत्तराखंड से भाजपा के मुस्लिम नेता और राज्य वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि मां की तारीफ करना या फिर अपने मादरे वतन की तारीफ करना गैर इस्लामी नहीं है. मुस्लिम उलेमाओं को भी चाहिए कि वह इसका और अच्छी तरह से भावार्थ निकालते हुए उर्दू में अनुवाद करें. इसका ज्यादा से ज्यादा प्रचार करें और नौनिहालों को सिखाएं.

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