बड़कोट। Yamunotri Dham : विश्वप्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज के पर्व पर गुरुवार आज विशेष पूजाओं व वैदिक मंत्रोच्चार के बीच दोपहर 12:30 बजे शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इससे पूर्व सुबह सवेरे मां यमुना के शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली से शनि समेश्वर देवता की डोली अपनी बहन को गाजे-बाजों के साथ धाम रवाना हुई थी, जहां शनि देव की डोली कपाटबंदी की विशेष पूजाओं में शामिल हुई और कपाटबंदी के बाद मां यमना की डोली अपने भाई शनि समेश्वर देवता की डोली के साथ शीतकालीन प्रवास खरसाली के लिए रवाना हो गई।
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बता दें कि उच्च हिमालय में समुद्रतल से 3293 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यमुनोत्री धाम के कपाट गत 30 अप्रैल को खोले गए थे। इस दौरान कपाटबंदी तक यहां लगभग 6.44 लाख तीर्थयात्रियों ने दर्शन व पूजन किए। मंदिर समिति के पदाधिकारियों ने बताया कि विशेष पूजा-अर्चना के उपरांत दोपहर लगभग 12:30 बजे कपाट बंद करने की प्रक्रिया संपन्न हो गई। इससे पूर्व प्रातः काल खरसाली गांव से शनिदेव महाराज की डोली पारंपरिक वाद्ययंत्रों की ध्वनियों के बीच यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुई थी।
धाम पहुंचने पर शनिदेव महाराज ने यमुना नदी में स्नान किया और अपनी बहन मां यमुना के साथ कपाट बंदी की विशेष पूजा में सम्मिलित हुए। इस दौरान कपाटबंदी के बीच धाम में जय मां यमुने के जयकारों से गूंज उठा। वहीं, मां यमुना की उत्सव डोली यात्रा कपाटबंदी के उपरांत अपने मायके खरसाली के लिए रवाना हो गई, जहां गांववासी भक्ति भाव के साथ उनका स्वागत करेंगे। खरसाली में मां यमुना छह माह तक अपने भक्तों को दर्शन देंगी।
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