India In UN : न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में बच्चों और सशस्त्र संघर्ष (सीएएसी) पर वार्षिक खुली बहस के दौरान भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि मैं पाकिस्तान के प्रतिनिधि की ओर से की गई राजनीति से प्रेरित टिप्पणियों पर खारिज करता हूं। पाकिस्तान सीएएसी एजेंडे के गंभीर उल्लंघनकर्ताओं में से एक है। पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र की प्रक्रियाओं पर गलत तरीके से संदेह व्यक्त कर रहा है।
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उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अपने नापाक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न चर्चाओं में भारत को बदनाम कर रहा है। ऐसा करके पाकिस्तान अपने ही देश में बच्चों के खिलाफ किए जा रहे अत्याचारों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है। भारत इसे अस्वीकार करता है। इसके अलावा भारत सीमा पार से किए जा रहे बड़े पैमाने पर आतंकवाद को भी अस्वीकार कर रहा है।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि हमारी दुनिया संघर्षों और आतंकी हमलों में एक खतरनाक वृद्धि देख रही है और बच्चे उनके सबसे ज्यादा शिकार हो रहे हैं। यूएनएसजी की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघन 25 प्रतिशत बढ़ गए हैं, जबकि 2024 में यौन हिंसा 35 प्रतिशत बढ़ गई है। यह गंभीर स्थिति तत्काल और निर्णायक कार्रवाई की मांग करती है। इसलिए, आज की चर्चा जरूरी और आवश्यक दोनों है।
उन्होंने कहा कि बच्चों के समग्र विकास के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना बाल संरक्षण के लिए मौलिक है। उनकी सुरक्षा, पोषण और शिक्षा को राष्ट्रीय और घरेलू स्तर पर प्राथमिकता दी जानी चाहिए। संघर्ष और संघर्ष के बाद की स्थितियों में बच्चों को समाज में उनके सफल पुन: एकीकरण के लिए विशेष ध्यान और मनोवैज्ञानिक-सामाजिक समर्थन की आवश्यकता होती है। इन आवश्यक पारिस्थितिकी प्रणालियों के निर्माण के लिए राज्य द्वारा निरंतर प्रयासों की आवश्यकता है।
पहलगाम हमले को नहीं भूली है दुनिया
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने कहा कि दुनिया 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में पाकिस्तान और पाकिस्तान द्वारा प्रशिक्षित आतंकवादियों के भारत में 26 पर्यटकों को मार डालने वाले हमलों को नहीं भूली है। सीएएसी पर महासचिव की रिपोर्ट पाकिस्तान में सशस्त्र संघर्ष में बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघनों को उजागर करती है। महासचिव ने स्कूलों, विशेष रूप से लड़कियों के स्कूलों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के खिलाफ हमलों सहित इस तरह के गंभीर उल्लंघनों में वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है।
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