Sheikh Hasina : बांग्लादेश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ आज सजा का एलान होगा। बांग्लादेश का अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण मानवता के खिलाफ अपराध मामले में शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमान खान कमाल और पूर्व आईजीपी चौधरी अब्दुल्ला अल मामून के खिलाफ मुकदमे में फैसला सुनाएगा। सजा के एलान को देखते हुए हिंसा का डर है, ऐसे में पूरे बांग्लादेश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी की गई है। इसके बावजूद कई जगह से हिंसा की घटनाएं सामने आई हैं।
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अभियोजन पक्ष ने शेख हसीना को मौत की सजा देने की मांग की
शेख हसीना और अन्य पर आरोप है कि उनके नेतृत्व में जुलाई 2023 में सुरक्षा कार्रवाई में 1400 लोग मारे गए थे। अभियोजन पक्ष ने शेख हसीना को मास्टरमाइंड बताते हुए मौत की सजा की मांग की है। वहीं शेख हसीना और उनकी पार्टी का दावा है कि राजनीतिक प्रतिशोध के चलते उनके खिलाफ ये मुकदमें दर्ज किए गए। आइए जानते हैं कि शेख हसीना के खिलाफ कौन से हैं वे पांच आरोप, जिनमें उन्हें आज सजा सुनाई जाएगी।
पहला आरोप- प्रतिवादियों पर हत्या, हत्या के प्रयास, यातना और अन्य अमानवीय कृत्यों का आरोप लगाया गया। साथ ही शेख हसीना और अन्य पर अवामी लीग और सशस्त्र बलों द्वारा नागरिकों के विरुद्ध किए गए इन अपराधों को बढ़ावा देने, भड़काने, सुगम बनाने, इनमें सहभागी होने और रोकने में विफल रहने का भी आरोप लगाया गया। आरोप है कि हसीना की 14 जुलाई की प्रेस वार्ता के बाद, पूर्व गृह मंत्री असदुज्जमां, पूर्व पुलिस महानिरीक्षक मामून और तत्कालीन सरकार के अन्य उच्च अधिकारियों ने मानवता के खिलाफ अपराध में सहयोग किया, सहायता की और इसमें सहभागी थे।
दूसरा आरोप- शेख हसीना पर हेलीकॉप्टरों, ड्रोनों और घातक हथियारों के इस्तेमाल से छात्र प्रदर्शनकारियों के सफाए का आदेश देने का आरोप है। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि तत्कालीन गृह मंत्री और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक ने अपने अधीन कानून प्रवर्तन कर्मियों को निर्देश देकर इसमें मदद की।
तीसरा आरोप- शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक पर रंगपुर स्थित बेगम रोकैया विश्वविद्यालय के पास एक प्रदर्शनकारी छात्र अबू सईद की हत्या का आरोप है। साथ ही शेख हसीना पर भड़काऊ बयानबाजी करने और प्रदर्शनकारी छात्रों के खिलाफ घातक हथियारों के इस्तेमाल का आदेश देने और असदुज्जमां और मामून पर इस आदेश को लागू करने में मदद का आरोप है।
चौथा आरोप- अभियुक्तों पर पिछले साल 5 अगस्त को ढाका के चंखरपुल में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है। अभियोजन पक्ष ने दावा किया कि चंखरपुल में छह निहत्थे प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या अभियुक्तों के आदेश, उकसावे और मिलीभगत और साजिश के तहत की गई थी, जो मानवता के खिलाफ अपराध है।
पांचवां आरोप- अभियुक्तों पर पिछले साल 5 अगस्त को अशुलिया में छह छात्र प्रदर्शनकारियों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप है, जिनमें से पांच को बाद में जला दिया गया था, जबकि छठे को कथित तौर पर जीवित रहते हुए आग लगा दी गई थी।
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