Tuesday, July 1, 2025
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उत्तराखंड निकाय चुनावों में गड़बड़ी की राष्ट्रपति से जांच की मांग

उत्तराखंड में हाल ही में हुए नगर निकाय चुनावों में अव्यवस्था और कुप्रबंधन के आरोपों को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता अनूप नौटियाल ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने चुनावों में हुई अनियमितताओं को लोकतंत्र के लिए अशोभनीय बताते हुए राष्ट्रपति को एक विस्तृत पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने राज्य में हुए चुनावों की जांच कराने की मांग की है। पत्र में नौटियाल ने चुनाव में हुई तमाम गड़बड़ियों के बारे में जानकारी दी और राष्ट्रपति से हस्तक्षेप करने की अपील की।

 

मतदाता सूचियों में गड़बड़ी

अनूप नौटियाल ने अपने पत्र में सबसे पहले मतदाता सूचियों की गड़बड़ी को प्रमुख मुद्दा बताया। उन्होंने कहा कि देहरादून सहित पूरे राज्य में मतदाता सूचियों में भारी गड़बड़ियाँ थीं। कई मतदाताओं के नाम गायब थे, जिनमें से कई परिवारों के सदस्य, जो कई पीढ़ियों से एक ही घर में रह रहे थे, उनके नाम भी सूची में नहीं थे। इसके अलावा, कुछ लोगों के नाम बदलकर अन्य जगहों पर शिफ्ट कर दिए गए थे, जिससे मतदान केंद्रों पर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।

नौटियाल ने यह भी बताया कि कई मामलों में नाबालिगों के नाम भी मतदाता सूची में दर्ज किए गए थे, जिससे चुनाव प्रक्रिया पर सवाल उठने लगे। इसके अलावा, कुछ मतदान केंद्रों पर मतदान शुरू होने से पहले ही कुछ मतदाताओं के नामों पर वोट डाल दिए गए थे, जो लोकतंत्र के लिए एक गंभीर अपराध था।

चुनाव आयोग की निष्क्रियता

नौटियाल ने राज्य चुनाव आयोग पर भी आरोप लगाया कि उसने इन शिकायतों को गंभीरता से नहीं लिया। उनका कहना था कि चुनाव आयोग की वेबसाइट भी पूरी तरह से खस्ताहाल है और अपडेट नहीं की गई है। यह राज्य चुनाव आयोग की विफलता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि अगर यही स्थिति रही, तो उत्तराखंड में स्वतंत्र और निष्पक्ष पंचायत चुनाव कराना संभव नहीं होगा।

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

अनूप नौटियाल ने राष्ट्रपति से मांग की कि वे चुनाव में हुई अनियमितताओं की जांच करवाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा कि जांच में यह भी सामने आना चाहिए कि मतदाता सूचियों को समय पर क्यों अपडेट नहीं किया गया और पिछले चुनावों में रजिस्टर्ड होने के बावजूद मतदाताओं के नाम क्यों गायब थे। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि दोषी पाए जाने पर राज्य चुनाव आयुक्त और सचिव की बर्खास्तगी की मांग की जाए।

निष्पक्ष जांच की आवश्यकता

नौटियाल ने पत्र में कहा कि यह जांच एक निष्पक्ष समिति द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें सरकारी अधिकारी के अलावा स्वतंत्र विचार वाले शिक्षाविद, राजनीतिक कार्यकर्ता, न्यायपालिका के सदस्य, मीडिया, गैर सरकारी संगठन और नागरिक समाज के लोग शामिल हों। इस जांच को एक महीने के भीतर पूरा किया जाना चाहिए, ताकि आगामी चुनावों में ऐसी गड़बड़ियाँ न हो सकें।

पहले भी किया था विरोध

यह पहली बार नहीं था जब अनूप नौटियाल ने चुनावी गड़बड़ियों को लेकर अपनी आवाज उठाई हो। 23 जनवरी को मतदान के दिन ही जब मतदाता सूचियों में गड़बड़ी सामने आई, तो उन्होंने हाई कोर्ट से हस्तक्षेप करने की अपील की थी और चुनाव परिणामों पर रोक लगाने की मांग की थी।

Rajan
Rajanhttp://indianrevenue.com
R K Solanki, (Owner & Editor-in-Chief, www.indianrevenue.com ) - An Ex- Indian Revenue Service (IRS) Officer, having a career spanning more then 35 years. Served in Ministry of Finance, Department of Revenue, CBEC (Now CBIC).
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