Tuesday, July 1, 2025
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एम्स ऋषिकेश में महिलाओं के लिए विशेष मूत्र रोग क्लिनिक

यदि आप महिला हैं और विभिन्न प्रकार के मूत्र रोगों से ग्रसित हैं तो संकोच छोड़कर एम्स आईये और इलाज हेतु संस्थान के मूत्र रोग विभाग की ओपीडी से परामर्श लें। यूरोलाॅजी विभाग द्वारा प्रत्येक मंगलवार की ओपीडी में अपरान्ह समय महिला मूत्र रोगियों के लिए यह विशेष क्लीनिक संचालित किया जाता है।

 

पुरूषों की तरह आम महिलाओं को भी मूत्र रोग संबन्धित विभिन्न प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। लेकिन अधिकांश मामलों में शर्म और संकोच करने की वजह से उनकी यह समस्याएं धीरे-धीरे गंभीर होती चली जाती हैं। ऐसे मामलों में एम्स ऋषिकेश के यूरोलाॅजी (मूत्र रोग विभाग) ने महिलाओं से संकोच छोड़कर विभाग द्वारा संचालित फीमेल पेल्विक क्लीनिक में आने की सलाह दी है। विभाग के हेड डाॅ. अंकुर मित्तल ने इस बारे मे बताया कि महिलाओं के मूत्र संबंधी रोगों के उपचार के लिए समर्पित फीमेल पेल्विक मेडिसिन और न्यूरो-यूरोलॉजी क्लिनिक का संचालन प्रत्येक मंगलवार को अपरान्ह 2 बजे से 4 बजे तक किया जाता है। उन्होंने बताया कि यह क्लीनिक तृतीय तल पर स्थित यूरोलॉजी विभाग की ओपीडी में संचालित होता है। जहां अनुभवी यूरोलाॅजिस्ट डॉक्टर महिलाओं की विभिन्न मूत्र संबन्धित समस्याओं का उपचार करते हैं। डाॅ0 मित्तल ने बताया कि सही समय पर जांच और उपचार करवाने से इन समस्याओं को पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा मूत्र रोग से ग्रसित लगभग 200 से अधिक महिलाओं की सर्जरी कर उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिया जा चुका है।

 

इंसेट-
महिलाओं में यूरोलॉजिकल बीमारियों की जागरूकता जरूरी क्यों ?
विशेषज्ञ चिकित्सकों के अनुसार महिलाओं में मूत्र संबंधी बीमारियां आम बात है लेकिन शर्म और सामाजिक कारणों से कई महिलाएं डॉक्टर से परामर्श लेने में संकोच करती हैं और अस्पताल जाने से कतराती हैं। इस लापरवाही से भविष्य में उनकी यह समस्याएं गंभीर हो सकती है। जबकि समय रहते सही इलाज करने से ऐसी महिलाएं सामान्य और स्वस्थ जीवन जी सकती हैं।

 

इंसेट-
महिलाओं में पाई जाने वाली प्रमुख यूरोलॉजिकल समस्याएं
– यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस (मूत्र असंयम)- अनियंत्रित मूत्र रिसाव
– वेसिकोवेजाइनल फिस्टुला- मूत्राशय और योनि के बीच असामान्य मार्ग
– यूटेरोवेजाइनल फिस्टुला- मूत्रवाहिनी (यूरेटर) और योनि के बीच असामान्य मार्ग
– वेसिकोयूटेराइन फिस्टुला- मूत्राशय और गर्भाशय के बीच असामान्य मार्ग
– महिला मूत्रमार्ग संकुचन (यूरेथ्रल स्ट्रिक्चर)
– ओवरएक्टिव ब्लैडर- बार-बार पेशाब आने की समस्या
– इंटरस्टिशियल सिस्टाइटिस- मूत्राशय में लगातार जलन और दर्द
– वॉल्ट प्रोलैप्स- योनि का अंदरूनी हिस्सा नीचे आना
– स्ट्रेस यूरिनरी इन्कॉन्टिनेंस- खांसने, छींकने या हंसने पर मूत्र रिसाव
– बार-बार पेशाब में संक्रमण (रिकरंट यूटीआई)
– न्यूरोजेनिक ब्लैडर- नसों की समस्या के कारण मूत्राशय का सही से काम न करना

 

Reported By: indianrevenue

Rajan
Rajanhttp://indianrevenue.com
R K Solanki, (Owner & Editor-in-Chief, www.indianrevenue.com ) - An Ex- Indian Revenue Service (IRS) Officer, having a career spanning more then 35 years. Served in Ministry of Finance, Department of Revenue, CBEC (Now CBIC).
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