Thursday, June 12, 2025
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आपदा प्रबन्धन पर धामी सरकार गिना रही उपलब्धी तो पूर्व CM त्रिवेंद्र रावत ने उठाया सवाल, कांग्रेस का मिला समर्थन।

उत्तराखंड सरकार ने हाल ही में अपने 3 साल का जश्न मनाया है तो वहीं इस दौरान धामी सरकार ने आपदा प्रबंधन के दौरान सरकार की तत्परता और आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में उठाए गए कदमों को लेकर सरकार की उपलब्धि की नहीं लेकिन बीते रोज देश की संसद में उत्तराखंड से सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार के इन दावों की पोल खोल कर रख दी। पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल ही में बद्रीनाथ में हुई एवलांची घटना में मारे गए 8 मजदूरों पर अपना दुख जाहिर करते हुए कहा कि उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन के लिए आपसे बेहद गंभीर हालत है।

पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विशेष तौर से उत्तराखंड में शुरू होने जा रही चार धाम यात्रा से ठीक पहले यात्रा रूट पर पड़ने वाले बद्रीनाथ धाम और केदारनाथ धाम के रूट पर मौजूद सभी एवलांच प्रोन ग्लेशियर पर संसद का ध्यान खींचा और बताया कि किस तरह से केदारनाथ मार्ग और बद्रीनाथ मार्ग जोखिम भरा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की आर्थिकी का एक बड़ा हिस्सा धार्मिक और साहसिक पर्यटन पर टिकी हुई है। उन्होंने बद्रीनाथ जाते हुए नर और नारायण पर्वत पर मौजूद कंचनजंगा ग्लेशियर और रंडांग ग्लेशियर मैं आने वाले एवलांच की तरफ सदन का ध्यान खींचा कहा की इसकी वजह से यात्रा प्रभावित होती है और जान माल को भी खतरा बना रहता है। उन्होंने सवाल उठाया है कि क्या इंग्लिश में और इन्फ्लेशन्स में आने वाले जोखिम भरे एवलांच के निस्तारण को लेकर के कोई विशेष कार्य योजना तैयार की जा रही है। यह नहीं उन्होंने केदारनाथ पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी के दाहिनी तरफ सात एवलांच प्रोन जोन का भी जिक्र किया और इनको लेकर के भी क्या कार्ययोजना तैयार की जा रही है यह सवाल पूछा। इसके अलावा त्रिवेंद्र रावत ने अपने अनुपूरक सवाल में पर्यावरण संरक्षण की नीति और आपदाओं की विषम परिस्थितियों के दौरान आपदा प्रबंधन को लेकर भी सवाल किया

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र रावत के संसद में सवाल के बाद गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने जवाब भी दिया। उन्होंने बताया कि दो चिंता त्रिवेंद्र रावत ने जाहिर की है वह स्वाभाविक है उन्होंने जानकारी साझा करते हुए बताया कि पूरे भारत में इसे तकरीबन 130 प्रमुख ग्लेशियर झीलें चिहिंत हैं। हालांकि त्रिवेंद्र रावत द्वारा एवलांच ग्लेशियरों पर सवाल किया गया था लेकिन केंद्रीय राज्य मंत्री ने प्रदेश में चिन्हित ग्लेशियर लेके आउटबर्स्ट फ्लड GLOF झीलों पर अपना जवाब दिया। हालांकि इस पूरे सवाल पर उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन से भी हमने जवाब लेने की कोशिश की तो उन्होंने बताया कि निश्चित तौर से जो बात देश की संसद में सामने आई है उसे पर सभी का ध्यान आकर्षित होगा। उन्होंने कहा कि जो सवाल संसद में त्रिवेंद्र रावत जी द्वारा उठाया गया है उसे पर निश्चित तौर से कार्रवाई होगी और विशेषज्ञों के मार्गदर्शन में इस पर काम किया जाएगा।

इसके अलावा आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने केदारनाथ और बद्रीनाथ रूट पर पड़ने वाले एवलांच प्रोन ग्लेशियरों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब भी ग्लेशियर का आकार बढ़ता है तो लगातार वहां पर कार्य की जाती है दोस्तों को खोलने का काम किया जाता है। उन्होंने बताया कि इस पूरे क्षेत्र में दर्जनोग्लेशियर है हालांकि इस पर कोई ऑफिशियल शोध नहीं हुआ है और इस तरह का कोई उत्तर नहीं है लेकिन इसके जहां पर रूटीन में कार्रवाई की जाती है यहां तकरीबन 7 से 8 ग्लेशियर ऐसे हैं जहां पर ज्यादातर जोखिम बना रहता है।

देश की संसद में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र रावत द्वारा आपदा प्रबंधन पर उठाए गए सवाल पर उन्हें कांग्रेस का समर्थन मिला है। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि निश्चित तौर से सरकार एक तरफ आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में अपनी उपलब्धि किनारे रही है तो उन्हीं के बड़े नेता ने प्रदेश में आपदा प्रबंधन के हालातो की पोल खोल दी है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसोनी ने उत्तराखंड में हुए आपदा के तमाम घटनाक्रमों का उदाहरण देते हुए बताया कि किस तरह से यह प्रदेश सरकार का फेलियर है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से उत्तराखंड में चार धाम यात्रा शुरू होने वाली है निश्चित तौर से ऐसे में केंद्र और राज्य सरकार आपदा प्रबंधन को लेकर के क्या कर रही है इस पर पूछा जाना चाहिए।

Reported By : indianrevenue

Rajan
Rajanhttp://indianrevenue.com
R K Solanki, (Owner & Editor-in-Chief, www.indianrevenue.com ) - An Ex- Indian Revenue Service (IRS) Officer, having a career spanning more then 35 years. Served in Ministry of Finance, Department of Revenue, CBEC (Now CBIC).
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