Tuesday, July 1, 2025
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मांझे से कटी गर्दन,जांच में नहीं आ रहा था “बीपी और धड़कन”,फिर एम्स ने किया चमत्कारिक इलाज

देहरादून,28 मार्च 2025 indianrevenue news : ऋषिकेश स्थित एम्स के ट्रॉमा सर्जरी विभाग ने एक असाधारण चिकित्सकीय कौशल का प्रदर्शन करते हुए एक गंभीर रूप से घायल व्यक्ति की जान बचाई है,

जिसकी स्थिति चिकित्सकीय दृष्टि से पूरी तरह असाध्य मानी जा रही थी.

एम्स,ऋषिकेश के ट्रॉमा सर्जरी विभाग के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम ने एक गंभीर घायल व्यक्ति की मांझे से आधे से अधिक हिस्सा कटी गर्दन का सफलतापूर्वक सर्जरी कर उसे नया जीवन दिया है.

चिकित्सकों के अनुसार यह केस ग्रेड 4 शॉक केटेग्री का था,

घायल व्यक्ति की भोजन व सांस नली के साथ ही हृदय से मस्तिष्क में रक्त सप्लाई करने वाली दाईं तरफ की कोशिकाएं पूरी तरह से कट चुकी थीं,

जिससे उसका काफी रक्त बह चुका था।

एम्स के ट्रॉमा सर्जरी विभाग फरवरी माह में अब तक मांझे से कटे सात घायलों का सफल उपचार कर चुके हैं।

इनमें से सबसे गंभीर स्थिति में बिजनौर, उत्तरप्रदेश निवासी नरेश कुमार (43) वर्ष का मामला अत्यधिक जटिल श्रेणी का था।

परिजनों के मुताबिक नरेश कुमार अपने पुत्र की किसी बीमारी का इलाज कराने कुछ दिन पूर्व दुपहिया वाहन से बिजनौर से एम्स आ रहे थे,

हरिद्वार हाईवे पर चाइनीज मांझे की चपेट में आकर गंभीररूप से घायल हो गए।

जिन्हें उनके परिजन समीपवर्ती अस्पताल ले गए।

जहां से पेशेंट को वेंटीलेटर पर एम्स रेफरल कर लाया गया।

चिकित्सकों के अनुसार जिस वक्त घायल को एम्स ट्रॉमा सेंटर इमरजेंसी में लाया गया,

तब तक घायल के शरीर से काफी हद तक रक्त बह चुका था,

बीपी और धड़कन नहीं आ रही थी।

ट्रॉमा इमरजेंसी टीम ने तत्काल घायल को प्रारंभिक जांच, उपचार के साथ रक्त चढ़ाकर स्टेबल किया और ऑपरेशन शुरू किया।

ट्रॉमा सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. कमर आजम, ट्रॉमा सर्जन डॉ. मधुर उनियाल व डॉ. नीरज कुमार की देखरेख में ट्रॉमा सर्जन डॉ. रूबी के नेतृत्व में ओपरेटिंग टीम के सदस्य डॉ. संतोष, डॉ. रोहित व एनेस्थीसिया विभाग के डॉ. अंकिन व डॉ. रीना ने जटिलतम सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया व गंभीर घायल को नया जीवन प्रदान किया।

डॉ. रूबी के अनुसार केस काफी क्रिटिकल था, जिसमें मांझे से मरीज की गर्दन काफी गहरी कट गई थी।

जिससे उसकी खाने की नली, सांस की नली व रक्त ध्वनियां जो दिल से दिमाग को खून देने का सिस्टम पूरी तरह से डैमेज था।

मरीज को सफल सर्जरी के बाद सात दिन वेंटीलेटर पर आईसीयू में चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया।

इसके बाद मरीज़ सामान्यरूप से भोजन व सांस ले रहा था।

उसे बोलने में भी कोई परेशानी नहीं थी।

मरीज को ओटी के बाद कोई भी न्यूरोनल डेफिसिट की शिकायत नहीं थी।

घातक हो सकती है मांझे की इंज्युरी

एम्स के ट्रॉमा विशेषज्ञ के अनुसार माझे की इंज्युरी बहुत अधिक घातक हो सकती है।

इससे सुरक्षा के लिए उन्होंने दुपहिया वाहन चालकों से वाहन ड्राइव करते समय मफलर बांधने व हेलमेट लगाकर चलने का सुझाव दिया है।

 

Rajan
Rajanhttp://indianrevenue.com
R K Solanki, (Owner & Editor-in-Chief, www.indianrevenue.com ) - An Ex- Indian Revenue Service (IRS) Officer, having a career spanning more then 35 years. Served in Ministry of Finance, Department of Revenue, CBEC (Now CBIC).
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