Sunday, July 20, 2025
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मजदूर बस्तियों पर कार्रवाई, विपक्ष ने सरकार पर पक्षपात का लगाया आरोप

राज्य के प्रमुख विपक्षी दलों एवं जन संगठनों ने आरोप लगाया कि सरकार बड़े बिल्डरों, होटल के मालिकों, सरकारी विभागों और अन्य ऐसे तत्वों को बचाने के लिए लगातार कोर्ट के आदेशों एवं क़ानूनी प्रावधानों का दुरूपयोग कर रही हैं।  कोर्ट के आदेशों के बहाने किया जा रहा “अतिक्रमण का सर्वे” सिर्फ और सिर्फ मज़दूर बस्तियों में किया जा रहा है और कोर्ट में “अतिक्रमण” के नाम पर पेश की जा रही सूचियों में सिर्फ मज़दूरों के ही घर हैं।  सबके सामने नदियों में मलबा डाला गया है और नदी पर बड़े बड़े फ्लैट, होटल एवं सरकारी बिल्डिंग बने हैं, लेकिन इन सब के बारे में सरकार के हलफनामों में कोई ज़िक्र ही नहीं है। मनमाने तरीकों से मज़दूरों के घरों को चिन्हित किया जा रहा हैं, यहाँ तक कि कई क्षेत्रों में अधिकांश घरें जिनको चिन्हित किये गए हैं, वह स्पष्ट रूप से 2016 से पहले के हैं।

इसलिए 2018 के अधिनियम के तहत उनपर कार्यवाही नहीं की जा सकती है।  उनमें से अनेक ऐसे घर भी हैं जो नदी से दूर हैं।   लेकिन उन परिवारों को बेघर कर प्रशासन दिखाना चाह रहे हैं कि उन्होंने “अतिक्रमण” पर कार्यवाही किये हैं।  याद रखने की बात है कि 2024 में भी ऐसी ही एक प्रक्रिया को रिस्पना नदी पर चलायी गयी, और प्रशासन ने दावा किया था कि 525 मकान “अवैध” हैं।  लगातार दो महीने तक आवाज़ उठने के बाद उनको मानना पड़ा कि उनमें से 430 से ज्यादा वैध हैं और उनको गलती से चिन्हित किये गए थे।

प्रेस वार्ता में शामिल हुए वक्ताओं ने सरकार को याद भी दिलाया कि 17 जनवरी को माननीय मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि मज़दूर बस्ती नहीं टूटेगी। लेकिन उस बयान के बाद दो सप्ताह भी पूरा नहीं हुआ, फिर सरकार और प्रशासन पहले एलिवेटेड रोड के नाम पर और अभी कोर्ट के आदेशों के बहाने लोगों को बेघर करने की कोशिश कर रहे है। जनता की आपत्तियों का नज़र अंदाज कर रिस्पना नदी पर फ्लड जोन को भी घोषित कर दिया गया है और उस अधिसूचना द्वारा फिर विनाशकारी, पर्यावरण के लिए नुक़सानजनक एलिवेटेड रोड को भी अनुमति दी गयी है।

कांग्रेस के प्रवक्ता एवं इंडिया गठबंधन के संयोजक शीशपाल सिंह बिष्ट अस्वास्थ होने के कारण नहीं पहुँच पाया प्रेस वार्ता में, लेकिन उपरोक्त बिंदुओं पर साथ देते हुए उन्होंने कहा कि ये सब सरकार का दोगलापन का सबूत हैं। वक्ताओं ने यह भी कहा कि आगामी दो महीनों में लगातार जन आंदोलन होगा, शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जन सभाएं एवं जुलुस आयोजित किये जायेंगे, और लोगों के अधिकारों के लिए आवाज़ उठाई जायेगी।

 

 

Reported By: Shiv Narayan

Rajan
Rajanhttp://indianrevenue.com
R K Solanki, (Owner & Editor-in-Chief, www.indianrevenue.com ) - An Ex- Indian Revenue Service (IRS) Officer, having a career spanning more then 35 years. Served in Ministry of Finance, Department of Revenue, CBEC (Now CBIC).
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