श्री बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने से पूर्व गाडू घड़ा यात्रा परंपरागत श्रद्धा और उत्साह के साथ जारी है। यह यात्रा भगवान बदरीविशाल के महाभिषेक में प्रयुक्त होने वाले तिलों के तेल के चांदी के कलश के साथ निकाली जाती है। मंगलवार 22 अप्रैल को राजदरबार नरेंद्रनगर से इसकी विधिवत शुरुआत हुई। यात्रा का पहला पड़ाव ऋषिकेश स्थित श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के विश्राम गृह में रहा, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
बुधवार को यह पवित्र कलश यात्रा श्री शत्रुघ्न मंदिर मुनिकीरेती के लिए प्रस्थान कर गई। बीते दिन देर शाम तक करीब ढाई हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए और प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर कई संत, वेदपाठी, बीकेटीसी अधिकारी और डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के पदाधिकारी उपस्थित रहे।
परंपरागत रूप से सुहागिन महिलाओं द्वारा ओखली में तिल कूटकर, हाथ से पिरोया गया तेल चांदी के घड़े में रखा गया, जो श्री बदरीनाथ धाम के लिए रवाना हुआ है। यह यात्रा श्रीनगर, पाखी, ज्योर्तिमठ और पांडुकेश्वर जैसे प्रमुख धार्मिक स्थलों से होते हुए 3 मई को बदरीनाथ धाम पहुंचेगी। 4 मई प्रातः 6 बजे भगवान बदरीनाथ के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे।
Reported By: indianrevenue