Wednesday, August 6, 2025
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Uttarkashi Dharali disaster : दूसरे दिन का रेस्क्यू ऑपरेशन, गंगोत्री एनएच लैंडस्लाइड से बंद

उत्तरकाशी: Uttarkashi Dharali disaster  जिले के धराली में मंगलवार को आई प्राकृतिक आपदा के बाद आज बुधवार 6 अगस्त को भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. सेना के साथ ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय पुलिस राहत और बचाव कार्य में लगी है. उत्तराखंड के पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश का सिलसिला जारी है. जिसका असर प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में देखने को मिल रहा है. उत्तरकाशी के धराली गांव में बादल फटने की वजह से बनी आपदा जैसी स्थिति शासन- प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है. इन चुनौतियों से निपटने के लिए सभी विभाग आपसी तालमेल बनाकर कार्रवाई कर रहे हैं.आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की ड्यूटी आपदा प्रभावित क्षेत्रों में लगाने के साथ ही स्वास्थ्य विभाग ने 11 डॉक्टर्स की टीम को भी रवाना कर दिया है. धराली आपदा में 4 लोगों की मौत हो चुकी है. बड़ी संख्या में लोग लापता हैं. 20 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है. इसके साथ ही आर्मी कैंप को भी नुकसान पहुंचा है. कई सैनिकों के लापता होने की खबर आ रही है. सेना के जनसम्पर्क अधिकारी मनीष श्रीवास्तव ने ये जानकारी दी है.

Uttarkashi Cloud burst : धराली में बादल फटने से भारी तबाही, चार की मौत

उत्तरकाशी में कई जगह लैंडस्लाइड, गंगोत्री नेशनल हाईवे बंद

आपदाग्रस्त उत्तरकाशी जिले में बारिश जारी है. जनपद में नेताला से लेकर भटवाड़ी के पापड़गाड़ तक दो स्थानों के पास सड़क धंसी है. गंगोत्री हाईवे पर नेताला और मनेरी-ओंगी के बीच नदी से सड़क पर कटाव हो रहा है. पापड़गाड़ में आज सड़क का खुलना मुश्किल.

मौसम विभाग बोला बादल नहीं फटा, जियोलॉजिस्ट ने किया ये दावा

उत्तराखंड का मौसम विभाग उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा को बादल फटने से हुई आपदा मानने से इनकार कर चुका है. मौसम विभाग का कहना है कि बादल नहीं फटा था. देहरादून मौसम विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक रोहित थपलियाल ने यह साफ कहा है कि फिलहाल उत्तरकाशी में बादल फटने जैसी कोई भी घटना का डाटा रिकॉर्ड नहीं किया गया है. लिहाजा सीधे तौर पर इसे बादल फटना नहीं कहा जा सकता. इधर उत्तराखंड के उत्तरकाशी धराली में आई भीषण आपदा के कारणों की एक्सक्लूसिव तस्वीर सामने आई हैं. भूटान में PHP-1 के वरिष्ठ जियोलॉजिस्ट इमरान खान ने उस ग्लेशियर डिपोजिट स्लाइड की तस्वीरें साझा की हैं.

जियोलॉजिस्ट इमरान खान ने बताया कि-

धराली गांव से लगभग 7 किमी ऊपर की ओर, समुद्र तल से लगभग 6,700 मीटर की ऊंचाई पर स्थित, ग्लेशियर डिपाजिट डेबरी का एक बड़ा हिस्सा टूटने से मलबा तेजी से नीचे घाटी की ओर आया. सैटेलाइट इमेज के अनुसार ग्लेशियर मलबे की मोटाई 300 मीटर और क्षेत्रीय विस्तार तकरीबन 1.12 वर्ग किलोमीटर का बताया गया है. जिसके कारण निचले इलाकों में तबाही मची है.-इमरान खान, जियोलॉजिस्ट, भूटान में चल रहे PHPA-1 में सेवारत-

बीस करोड़ की धनराशि जारी, आज धराली जाएंगे सीएम धामी

राज्य आपदा मोचन निधि से धराली में आपदा राहत एवं बचाव कार्य के लिए 20 करोड़ की धनराशि जारी की गई है. आज सीएम धामी उत्तरकाशी धराली आपदाग्रस्त क्षेत्र का दौरा करेंगे. सीएम धामी मौके पर जाकर राहत बचाव कार्यों का जायजा लेंगे. मुख्यमंत्री आपदा पीड़ितों से मुलाकात भी करेंगे. इससे पहले मंगलवार को सीएम धामी अपना आंध्र प्रदेश का दौरा बीच में ही छोड़कर उत्तराखंड लौट आए.

देहरादून पहुंचते ही ही सीएम सीधे आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे. उन्होंने आपदा में हुए नुकसान और राहत बचाव कार्यों का अपडेट लिया. इधर उत्तरकाशी के धराली में आई भीषण दैवीय आपदा के बाद कांग्रेस ने चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल को प्रभावितों की सहायता के लिए घटनास्थल पर पहुंचने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने पार्टी के चार वरिष्ठ नेताओं को यह जिम्मेदारी दी है. प्रतिनिधि मंडल में कांग्रेस प्रदेश महामंत्री घनानंद नौटियाल, जिला अध्यक्ष उत्तरकाशी मनीष राणा, अनुसूचित जाति के पूर्व अध्यक्ष दर्शन लाल और पूर्व नगर अध्यक्ष उत्तरकाशी दिनेश गौड़ शामिल हैं.

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