राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने निजी स्कूलों द्वारा मनमानी फीस और महंगी किताबें बेचे जाने के खिलाफ आज जिला मुख्यालय पर उग्र प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जमकर नारेबाजी की और डिप्टी कलेक्टर गौरव चटवाल से कार्रवाई का आश्वासन लिया। इसके बाद, प्रदर्शनकारियों ने गौरव चटवाल के माध्यम से मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भेजा, जिसमें निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की गई।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवप्रसाद सेमवाल ने कहा कि अभिभावकों को निजी स्कूलों की लूट के हवाले कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि स्कूलों ने ट्यूशन फीस में 40% तक बढ़ोतरी कर दी है, साथ ही पंजीकरण और वार्षिक फीस में भी वृद्धि की गई है। पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईस्टवाल ने कहा कि उत्तराखंड में प्राइवेट स्कूलों के द्वारा हर साल फीस वृद्धि और अन्य शुल्कों में इजाफा किया जा रहा है, लेकिन सरकार कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही है।
जिला अध्यक्ष देवेंद्र सिंह गुसांई ने आरोप लगाया कि निजी स्कूल कमीशन के लिए महंगी किताबें और अन्य सामग्री बेचने के लिए अभिभावकों को मजबूर कर रहे हैं। व्यापार प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष नवीन पंत ने कहा कि निजी स्कूल एनसीईआरटी की किताबों के आदेशों की अवहेलना करते हुए महंगी किताबें और अन्य सामग्री बेचते हैं, जबकि सरकार सिर्फ औपचारिक जांच कर अपनी जिम्मेदारी निभा लेती है।
महिला प्रकोष्ठ की महानगर अध्यक्ष शशि रावत ने कहा कि 2018 से हर साल फीस वृद्धि को रोकने के लिए डिमांड की जा रही है, लेकिन सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। दयानद मनोरी ने कहा कि प्राइवेट स्कूलों को सरकार की मिलीभगत से उत्तराखंड में मनमाने तरीके से लूटने का मौका मिल रहा है।
राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने सरकार से निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने और अभिभावकों के हित में कड़े कदम उठाने की मांग की है।
Reported By: indianrevenue