Thursday, June 19, 2025
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Homeउत्तराखंडधामी कैबिनेट में अनुभवी विधायकों की संभावित एंट्री, क्षेत्रीय समीकरण होंगे अहम

धामी कैबिनेट में अनुभवी विधायकों की संभावित एंट्री, क्षेत्रीय समीकरण होंगे अहम

भाजपा केंद्रीय नेतृत्व और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अनुभव को महत्व दिया तो पांच ऐसे वरिष्ठ विधायकों में से किसी की किस्मत चमक सकती है, जो पूर्व कैबिनेट मंत्री रहे हैं। इनमें त्रिवेंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे मदन कौशिक का नाम सबसे ज्यादा चर्चाओं में है, मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले प्रेमचंद अग्रवाल हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, कौशिक भी इसी संसदीय क्षेत्र से हैं और वरिष्ठ विधायकों में शामिल हैं।

पूर्व कैबिनेट मंत्रियों में दूसरा नाम खजानदास का है, अनुसूचित जाति वर्ग के खजान दास भी पूर्व भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं, तीसरे पूर्व कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय हैं, जो गदरपुर से विधायक हैं, चौथे पूर्व कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत हैं, जो नैनीताल जिले का प्रतिनिधित्व करते हैं और कालाढुंगी से विधायक हैं। हालांकि अनुभवी भगत की राह में उम्रदराज होने का पेंच माना जा रहा है, पांचवें पूर्व कैबिनेट मंत्री बिशन सिंह चुफाल हैं, चुफाल भी भाजपा के सबसे वरिष्ठ विधायकों में से एक हैं।

वरिष्ठ विधायकों की चर्चा

अनुभवी विधायकों के साथ पार्टी के कई वरिष्ठ विधायकों के नामों की भी खूब चर्चा हो रही है, इनमें से एक नाम वरिष्ठ विधायक मुन्ना सिंह चौहान का है, जब-जब भाजपा की सरकारें बनीं और मुन्ना विधायक रहे तो उन्हें मंत्री बनाए जाने की चर्चाएं हमेशा होती रही हैं, वरिष्ठ विधायकों के तौर पर दूसरा नाम विनोद चमोली का है। हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से पार्टी के वरिष्ठ विधायक आदेश चौहान और प्रदीप बतरा के नाम की भी चर्चा है, पार्टी विधायक सहदेव पुंडीर, उमेश शर्मा काऊ, पौड़ी संसदीय क्षेत्र से दिलीप सिंह रावत, भरत सिंह चौधरी और अनिल नौटियाल का नाम भी Dhami Cabinet चर्चाओं में है, पहली बार बने विधायकों में से शिव अरोड़ा का नाम भी सुर्खियों में है।

क्षेत्रीय, जातीय समीकरण बनेगा आधार

Dhami Cabinet- भाजपा सूत्रों और राजनीतिक जानकारों का कहना है कि विधान सभा अध्यक्ष ऋतू खंडूरी भी मंत्रिमंडल में आ सकती हैं और किसी अनुभवी विधायक को विधान सभा अध्यक्ष बनाया जा सकता है जिसमें मंत्री सतपाल महाराज और बंशीधर भगत भी हो सकते हैं। पार्टी में अनुभवी और खांटी विधायकों की लंबी कतार है लेकिन किस्मत उसी की चमकेगी जो क्षेत्रीय और जातीय समीकरणों की कसौटी पर खरा उतरेगा, बता दें कि प्रेमचंद अग्रवाल के इस्तीफे के बाद धामी कैबिनेट में पांच कुर्सियां खाली हैं।

 

Reported By: indianrevenue

Rajan
Rajanhttp://indianrevenue.com
R K Solanki, (Owner & Editor-in-Chief, www.indianrevenue.com ) - An Ex- Indian Revenue Service (IRS) Officer, having a career spanning more then 35 years. Served in Ministry of Finance, Department of Revenue, CBEC (Now CBIC).
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