Friday, July 18, 2025
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UTTARAKHAND YOGA POLICY 2025 : अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तराखंड में लागू हुई देश की पहली योग पॉलिसी 2025

देहरादून: UTTARAKHAND YOGA POLICY 2025 अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर उत्तराखंड सरकार ने राज्य में देश की पहली योग नीति को लागू कर दिया है. उत्तराखंड राज्य को देवभूमि के साथ योग और वैलनेस की वैश्विक राजधानी बनाए जाने को लेकर आयुष विभाग ने योग पॉलिसी तैयार की थी. इस पर 28 मई 2025 को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक में मंजूरी मिल गई थी.

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उत्तराखंड में देश की पहली योग नीति लागू

इसके बाद अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर प्रदेश की शीतकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण स्थित विधानसभा परिसर में कार्यक्रम आयोजित किया गया. यहां मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश की पहली योग पॉलिसी की अधिसूचना जारी कर दी. इस अधिसूचना के जारी होने के बाद उत्तराखंड राज्य में योग नीति लागू हो गई है.

2 साल पहले से चल रही कवायद

दरअसल उत्तराखंड में योग पॉलिसी लागू करने की कवायद साल 2023 से ही चल रही थी. राज्य में आयुष नीति लागू होने के बाद आयुष विभाग ने साल 2023 में ही योग पॉलिसी तैयार करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए थे. आयुष विभाग ने योग नीति का प्रारंभिक ड्राफ्ट तैयार कर शासन को प्रशिक्षण के लिए भी भेजा था. तब ड्राफ्ट में कुछ कमियां होने के चलते शासन से वापस भेजा गया था. इसके बाद आयुष विभाग ने शासन के दिशा निर्देशों के अनुसार देश की पहली योग नीति तैयार की.

2 साल में तैयार हुई योग नीति

इस योग नीति को तैयार करने में आयुष विभाग ने आयुर्वेद विशेषज्ञों के साथ ही तमाम हितधारकों से भी सुझाव लिए. आयुष विभाग की ओर से करीब 2 साल में योग नीति तैयार की गई. मई 2025 में विधायी विभाग से मंजूरी मिलने के बाद 28 मई को इसे कैबिनेट के सामने रखा गया था, जिसे धामी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी थी. इसके बाद आज 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर उत्तराखंड योग पॉलिसी 2025 को लागू कर दिया गया है.

2030 तक 5 योग हब बनाने का लक्ष्य

उत्तराखंड योग नीति 2025 (UTTARAKHAND YOGA POLICY 2025) के तहत सरकार ने तमाम लक्ष्य भी तय किए हैं. इसके तहत साल 2030 तक उत्तराखंड में कम से कम पांच नए योग हब स्थापित करने का लक्ष्य है. जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील और कोलीढेक झील क्षेत्र में योग हब स्थापित होंगे. इसके साथ ही मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर्स में योग सेवाएं उपलब्ध कराने का भी लक्ष्य तय है.

13 हजार से अधिक रोजगार उपलब्ध होंगे

राज्य सरकार का मानना है कि योग नीति लागू होने के बाद उत्तराखंड राज्य में 13,000 से अधिक रोजगार उपलब्ध होंगे. 2,500 योग शिक्षक योग सर्टिफिकेशन बोर्ड से प्रमाणित होंगे. 10,000 से अधिक योग अनुदेशकों को होमस्टे, होटल आदि में रोजगार मिलने की संभावना है.

योग नीति के तहत तय किए गए लक्ष्य

– साल 2030 तक उत्तराखंड में पांच नए योग हब स्थापित किए जाएंगे।

– जागेश्वर, मुक्तेश्वर, व्यास घाटी, टिहरी झील और कोलीढेक झील को योग के रूप में किया जाएगा विकसित।

– मार्च 2026 तक राज्य के सभी आयुष हेल्थ और वेलनेस सेंटर में योग सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

– समुदाय आधारित माइंडफुलनेस कार्यक्रम शुरू किया जाएगा।

– अलग-अलग उम्र, जेंडर और वर्ग की जरूरत को ध्यान में रखते हुए शुरू किया जाएगा कार्यक्रम।

– प्रदेश के सभी योग संस्थाओं का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा।

– एक विशेष ऑनलाइन योग प्लेटफार्म शुरू किया जाएगा।

– योग पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रचार अभियान चलाया जाएगा।

– अंतर्राष्ट्रीय योग सम्मेलनों का आयोजन किया जाएगा।

– मार्च 2028 तक 15 से 20 राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ भागीदारी विकसित करने का लक्ष्य रखा है।

नए योग केंद्र खोलने के लिए सब्सिडी का प्रावधान.

– नया योग केंद्र खोलने पर सरकार 25 से 50 फीसदी तक देगी सब्सिडी।

– पर्वतीय क्षेत्रों में योग केंद्र खोलने पर 50 फीसदी अधिकतम 20 लाख की सब्सिडी।

– मैदानी क्षेत्रों में योग केंद्र खोलने पर 25 फीसदी अधिकतम 10 लाख की सब्सिडी।

– एक साल में 5 करोड़ रुपए तक दी जाएगी सब्सिडी।

– योग, ध्यान और प्राकृतिक चिकित्सा के क्षेत्र में रिसर्च पर मिलेगा अनुदान।

– एक रिसर्च के लिए 10 लख रुपए तक का मिलेगा अनुदान।

– ये सुविधा विश्वविद्यालय, रिसर्च संस्थानों, स्वास्थ्य संगठनों, आयुष संस्थाओं और एनजीओ के लिए होगा।

– रिसर्च के लिए कुल एक करोड़ रुपए का अनुदान किया गया है निर्धारित।

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